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कहानी - एक झूठा दंडित


कहानी


"  एक झूठा दंडित  "
एक बार एक गाँव में एक चरवाहा रहता था। वह प्रतिदिन अपनी गायों को खेतों में ले जाता था। एक दिन उसने गाँव वालों का मज़ाक बनाने का सोचा। वह एक छोटी सी पहाड़ी पर चढ़ गया और जोर से रोया, "भेड़िया! भेड़िया! आओ और मदद करो।" उसकी चीख-पुकार सुनकर ग्रामीणों ने शोर मचा दिया। वे अपनी लाठी उठाकर उसकी सहायता के लिए दौड़े। जब वे पहाड़ी पर पहुंचे तो उन्हें कोई भेड़िया नहीं मिला। चरवाहे ने हंसते हुए ग्रामीणों को बताया कि भेड़िया उनके वहां पहुंचने से पहले ही भाग गया था। ग्रामीण वापस चले गए। अगले दिन फिर चरवाहे ने वही बात दोहराई। गाँव वाले फिर उसकी मदद के लिए दौड़े लेकिन उन्हें वहाँ कोई भेड़िया नहीं दिखा। चरवाहे हँसे और उनका मज़ाक उड़ाया। वे मायूस होकर वापस चले गए। तीसरे दिन चरवाहे ने वास्तव में एक भेड़िया देखा। वह डर कर रोया, "भेड़िया, आओ और मेरी मदद करो।" गांव वालों ने उसका रोना सुना लेकिन सोचा कि वह झूठ बोल रहा है। तो कोई नहीं आया। भेड़िया ने चरवाहे पर हमला किया और उसे खा गया। 
Moral :- कभी झूठ मत बोलो।




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All Rounder Karan
Karan 05d

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